तौबा करना मोमीन की सिफत है
अस्सलामू अलैकुम दोस्तों, मैं हूं नुसरत और आज मैं आपको एक बहुत प्यारी हदीस के बारे में बताने जा रही हूं। मुझे उम्मीद है की आपको ये हदीस पढ़कर अच्छा लगेगा और आप अपने ईमान को और मजबूत करेंगे।
अनअबि हुरैराता रजि अल्लाहु अनहु , अन्ना रसुल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम : काला (मन ताबा कबला ततलुअस शमशु मिन मगरिबिहा ताबल्लाहु अलैहि
रवाहु मुस्लिम: 2703
तरजुमा : अबु हुरैरा राजी अल्लाहु अनहु से रवायत हे की अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया : जिस ने मगरिब से सुरज उठने से पहले तोबा की अल्लाह ताला उसकी तोबा कबुल करेगा
(मुस्लिम 2703)
उसके फवाईद
सुरज का मगरिब से उठना और मशरिक मे डुबना , कयामत की दस निशानियों मे से एक निशानि हे
जब ऐसा हो जायेगा - तब किसी की तोबा कबुल नहीं होगि कियैंकि वह वकत तोबा केकबुलियत के दरवाजा के बन्द हो जाने की अलामत हे
इसलिए हर इंसान को अपने गुनाहों से तोबा करने मे जलदी करना चाहिए कियैकि कब ऐसा हो जायेगा किसी को मालूम नहीं है
लेकिन अफसोस आजकल हम लोग अल्लाह को याद करना हि भुल गये हे
अल्लाह ताला से दुआ है की तोबा करने की और अल्लाह को ज्यादा से ज्यादा याद करने की तैफिक दे हम सब को
आमिन ।
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